- अल्मोड़ा जेल में दीक्षा लेने का मामला आया था सामने
हरिद्वार। अल्मोड़ा जेल ने बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी को जूना अखाड़े ने जांच के बाद उसकी संन्यास दीक्षा खत्म कर दी है। दीक्षा खत्म होने के बाद अब वह अखाड़े के किसी मठ का संचालन नहीं कर पाएगा। मंगलवार को जूना अखाड़े में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया था। दशहरा तक जांच पूरी करने के समय दिया गया था। जूना अखाड़ा की जांच पूरी होने के बाद पीपी को बर्खास्त कर दिया गया है। सितंबर माह की शुरुआत में अल्मोड़ा जेल में कुछ संतों की ओर से पांडे को दीक्षा देते हुए कई मठों की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। जिसके बाद बड़ा हंगामा खड़ा हो गया था। आननफानन में जूना अखाड़े ने इस मामले में जांच कमेटी का गठन कर इसकी जांच कवरवाई। श्रीमहंत हरिगिरी का कहना है कि जेल में प्रकाश पांडे को दीक्षा देने वालों में कुछ फर्जी संत थे। सिर्फ दशनामी (जूना अखाड़ा) के केवल दो-तीन संत इसमें शामिल थे। संतों की भूमिका के सवाल पर हरिगिरि ने कहा कि मामले फिलहाल पीपी को बाहर किया है।
छड़ी यात्रा भ्रमण करने के लिए रवाना
उत्तराखंड का पलायन रोकने के लिए जूना अखाड़ा से छड़ी यात्रा राज्य के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करने के लिए हुई रवाना। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा ने शुरू की थी छड़ी यात्रा। उत्तराखंड के मठ मंदिरों को एक सूत्र में जोडऩे के साथ ही उत्तराखंड से हो रहे पलायन को रोकने का काम कर रही छड़ी यात्रा। छड़ी यात्रा रवाना होने के दौरान अखाड़ा परिषद और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पूरी, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरीगिरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी, महंत महेश पूरी आदि मौजूद रहे।