हरिद्वार। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन अनुयायियों की गिरफ्तारी का विरोध जताते हुए राष्ट्रपति को डीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया है। बुधवार को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष नमित शर्मा के नेतृत्व में वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला। अध्यक्ष नमित शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश भारत की देन है, वहीं हिंदुओं पर जघन्य अत्याचार कर रहा है। बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन प्रधानमंत्री शेख हसीना के घर तक पहुंचते हुए अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ हो गया है। उन्होंने कहा कि हिंदू विरोधी आंदोलनकारी कट्टरपंथियों ने हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म, लूटपाट, मंदिर में तोडफ़ोड़, इस्कॉन समर्थित साधु संत के विरुद्ध झूठे देश विरोधी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजने व जबरदस्ती सरकारी कर्मचारियों से इस्तीफे मांगने में लगे हुए हैं। राजेश राठौर व एसके भामा ने कहा कि वर्तमान अंतरिम सरकार के पीएम युनूस कट्टरपंथियों व आईएआईएस की कठपुतली बनकर अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जुल्म कर रहा है। आवामी लीग की नेता व प्रधानमंत्री शेख हसीना एक उदारवादी व प्रजातांत्रिक बांग्लादेश देश चाहती हैं, तो उन्हें अपदस्थ कर दिया गया है। वर्तमान में बांग्लादेश में जज, पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था सही काम नहीं कर पा रही है। बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का उद्देश्य आंदोलन के जरिए देश इस्लामीकरण करना है। प्रतिनिधिमंडल में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष तनवीर भारती समेत सभी वकीलों ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत सरकार व विश्व को अपने स्तर से बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के हितों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन सचिव सतीश चौहान, राजेश राठौर, प्रभाकर गुप्ता, एसके भामा, सुरेंद्र शर्मा, आदेश चंद, अभिषेक चौहान, अमित चौहान, सुमन कौशिक, राजलक्ष्मी उपाध्याय, काजल सैनी, महेश सिंह, कुणाल शर्मा, अतुल कुमार, अभिमन्यु शर्मा, शादाब मंसूरी, शोएब, दीक्षित राठौर व प्रियांशु शर्मा शामिल रहे।