उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से खीरगंगा में भयंकर बाढ़ ने तबाही मचा दी। इस आपदा में अब तक 04लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि पानी और मलबे का सैलाब धराली बाजार में घुस गया, जिससे कई होटल और दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं। गांव में चीख-पुकार मच गई, और स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आपदा पर गहरा दुख जताते हुए राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना की हर्षिल यूनिट, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें भटवाड़ी के लिए रवाना हो चुकी हैं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने केंद्र सरकार से दो एमआई और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत कार्यों के लिए मांगे हैं।
इसके अलावा, भारी बारिश ने उत्तरकाशी में यातायात को भी ठप कर दिया है।
रविवार देर रात से जारी बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे का स्यानाचट्टी के पास करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया, जिससे आवागमन पूरी तरह बंद है। ओजरी डाबरकोट और पालीगाड में मलबा और बोल्डर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हैं। गंगोत्री हाईवे भी डबराणी, नाग मंदिर और नेताला के पास मलबे के कारण कई घंटों तक बंद रहा, हालांकि बीआरओ ने इसे आंशिक रूप से खोल दिया है।
एनएच विभाग के ईई मनोज रावत ने बताया कि बारिश के कारण सड़क खोलने में चुनौतियां आ रही हैं, लेकिन छोटे वाहनों के लिए शाम तक रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने चेतावनी दी है कि 10 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है।
बड़कोट तहसील के बनाल पट्टी में भी भारी बारिश के कारण कुड गदेरे में उफान आने से डेढ़ दर्जन बकरियां बह गईं। प्रशासन ने जनता से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। इस आपदा ने उत्तराखंड में मानसून की मार को और गंभीर कर दिया है, जहां हाल ही में नैनीताल और रुद्रप्रयाग जैसे क्षेत्रों में भी भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं सामने आई हैं।
एक महीना पहले भी उत्तरकाशी में आई थी आपदा
5 अगस्त से पहले 28 जून की रात को भी उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना हुई थी। यह आपदा यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास हुई। इस हादसे में दो मजदूरों के शव 18 किलोमीटर दूर यमुना नदी किनारे मिले। 7 अन्य की तलाश अभी भी जारी है। घटना के एक महीने बाद ही उत्तरकाशी में जलप्रलय की घटना से लोगों में फिर दहशत है।