रुद्रपुर। मंडी में कच्चे आढ़तों पर धान की खरीद बंद होने से नाराज किसान सोमवार को मंडी सचिव कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि उनके घरों में अब भी धान पड़ा है, लेकिन मंडी में तौल नहीं हो रही है। वहीं कच्चे आढ़तियों का कहना है कि उनकी खरीद लिमिट पूरी हो चुकी है, इसलिए फिलहाल खरीद रोक दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले धान क्रय केंद्रों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। किसानों को बताया जा रहा है कि पोर्टल पर लिमिट पूरी हो गई है। दो दिन के अवकाश के बाद जब किसान सोमवारको मंडी पहुंचे तो आढ़ती धान खरीद के लिए नहीं आए। इस पर किसान एसएमओ और मंडी सचिव से मिले। अधिकारियों ने आढ़तियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि लिमिट बढ़ाए बिना तौल संभव नहीं है। आक्रोशित किसान ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष रेशम सिंह के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए। एसएमओ विनय चौधरी ने बताया कि कच्चे आढ़तियों को किसानों का सौ प्रतिशत भुगतान करने को कहा गया है, जिसके बाद लिमिट बढ़ाई जा सकती है। इधर, एसडीएम रविंद्र जुवांठा ने राइस मिलों का निरीक्षण कर खरीदे गए धान का पूरा भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। किसानों ने आरएफसी चन्द्र सिंह मर्तोलिया से फोन पर वार्ता कर मंडी में खड़ी करीब 85 ट्रैक्टर ट्रॉलियों का धान खरीदे जाने की मांग की। आरएफसी ने बताया कि सरकार की नीति के अनुसार, आढ़तियों द्वारा किसानों का बकाया भुगतान होने के बाद ही पोर्टल खोला जाएगा। धरने में अमरजीत सिंह, कृष्णपाल सिंह, कुलदीप सिंह, गुरमेज सिंह, तेजपाल सिंह, साहब सिंह, हरमन सिंह, तरसेम सिंह, बलबीर सिंह आदि मौजूद रहे। वहीं नानकमत्ता में किसान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजपाल सिंह और भाकियू (टिकैत) के प्रदेश सचिव मलूक सिंह खिंडा ने यूसीएफ क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। राजपाल सिंह ने आरोप लगाया कि धान खरीद में भारी अनियमितताएं हुई हैं। कई किसानों ने बीज में और क्रय केंद्र दोनों जगह एक ही रकबे का धान बेचा। उन्होंने कहा कि केवल आधार कार्ड के आधार पर धान खरीदा गया, जिससे बड़ा घोटाला हुआ है। राजपाल सिंह ने अनियमितताओं के प्रमाण यूसीएफ अधिकारियों को सौंपते हुए कहा कि यूपी से धान मंगाकर दलालों के जरिए खरीद की गई, जबकि असली किसानों का धान नहीं तौला गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्रय केंद्रों की लिमिट इतनी जल्दी कैसे खत्म हो गई, यह जांच का विषय है। भाकियू टिकैत के प्रदेश सचिव मलूक सिंह खिंडा ने कहा कि किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही, इसलिए सरकार को तत्काल जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।


