बागेश्वर। तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों में किन्नरों की बेतहाशा वसूली के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने खुशी के मौके पर आने वाले किन्नरों को दी जाने वाली राशि तय करने की मांग तहसील प्रशासन से की। इस आशय का एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। मंगलवार को क्षेत्र के लोग तहसील मुख्यालय पहुंचे। एक ज्ञापन एसडीएम जितेंद्र वर्मा को सौंपा। वक्ताओं ने कहा कि गरुड़ क्षेत्र में किन्नरों के अपने एजेंट भी हैं, जो उनको ग्रामीण क्षेत्र में शादी, जनेऊ, नामकरण कार्यक्रम होने की खबर देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अपनी खुशी से कोई परिवार किन्नरों को जितना नजराना दें, उसे किन्नरों को स्वीकार करना चाहिए, लेकिन किन्नर दस से बीस हजार तक की मांग करते हैं। गरीब परिवार के लिए इतनी रकम देना संभव नहीं हो पाता है। नहीं देने पर ये लोग अभद्रता पर उतर आते हैं। ग्रामीण चाहते हैं कि एक प्रस्ताव प्रशासन को भी सौंपा जाए और एक फिक्स रेट तय किया जाए। किन्नरों की मनमानी के खिलाफ बैठक में सरपंच कैलाश मेहरा, निवर्तमान प्रधान पुष्पा देवी, ठाकुर मेहरा, कमला देवी, भोपाल दोसाद, दयाल सिंह, महेंद्र मेहरा आदि शामिल रहे। इधर एसडीम जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि- किन्नर यदि मनमानी करेंगे, हंगामा करेंगे तो प्रशासन उनके खिलाफ एक्शन लेगा। शुभ अवसरों पर वसूली का कोई लीगल प्रावधान नहीं हैं। इस तरह की किसी भी घटना की खबर ग्रामीण त्वरित रूप से नजदीकी पुलिस स्टेशन में या राजस्व केंद्र में दें। लोग अपनी आस्था और सामर्थ्य के अनुसार जितना भी दें किन्नरों को नजराने के रूप में उसे स्वीकार करना चाहिए।