देहरादून। उत्तराखंड में बीते दो साल से छात्र संघ चुनाव नहीं होने से नाराज एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने आज 23 अगस्त को देहरादून में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बेरिकेडिंग लगाकर पहले ही रोक लिया। इससे नाराज एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने वहां काफी हंगामा किया। इस दौरान पुलिस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विवाद काफी बढ़ा तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन भेज दिया था। उत्तराखंड में पिछले दो सालों से छात्रसंघ चुनाव नहीं होने से एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसके विरोध में आज छात्र संगठन को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा है। यह प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी सौरभ यादव और प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर छात्र संघ चुनावों को स्थगित करके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। कांग्रेस पार्टी के सहयोगी छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी सौरभ का कहना है कि छात्र संघ चुनाव केवल छात्र राजनीति नहीं बल्कि भविष्य के जनप्रतिनिधियों की लोकतांत्रिक पाठशाला होती है। उन्होंने कहा कि युवाओं की आवाज दबाने का हर प्रयास उत्तराखंड सरकार की जन विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। देहरादून में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर सरकार की तरफ से हीला हवाली की जा रही है, लेकिन छात्र हितों के लिए यूनिवर्सिटी, विश्वविद्यालय और सरकार कोई भी स्टैंड लेने को तैयार नहीं है। सौरभ का कहना है कि छात्र संघ चुनाव की वजह से देश में परिवर्तन की उम्मीद रहती है। छात्र अपनी समस्याओं को मुख्य रूप से उठा पाते हैं। इधर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी का कहना है कि अगर 15 दिन के भीतर चुनाव की तिथि घोषित नहीं की जाती, तो एनएसयूआई प्रदेश भर में उग्र आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव नहीं करा कर सरकार युवाओं की आवाज दबा रही है। इसलिए यह लड़ाई छात्र संघ चुनाव की नहीं बल्कि यह लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि छात्र संघ चुनाव लोकतंत्र की बुनियाद होते हैं, लेकिन उन्हें आवाज उठाने का हक नहीं दिया जा रहा है।