रुद्रपुर। कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जलभराव और बाढ़ से निपटने के लिए अभी से तैयारियां करने के निर्देश दिए। कहा कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, पेयजल संकट उत्पन्न होगा। इसे देखते हुए पेयजल विभाग को हैंडपंप, नलकूप और पेयजल लाइनों की मरम्मत का कार्य तत्काल पूरा करने को कहा। बैठक में डीएम ने ऊर्जा निगम को ट्रांसफॉर्मरों और बिजली लाइनों की मरम्मत करने और अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्टॉक में रखने के निर्देश दिए। शहर के सार्वजनिक स्थलों, बस अड्डों और कार्यालयों में प्याऊ एवं वाटर कूलर लगाने को भी कहा। स्वास्थ्य विभाग को लू और गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएं, ओआरएस स्टॉक करने, लू वार्ड और बर्न वार्ड स्थापित करने के निर्देश दिए। अग्निशमन विभाग को शहर में स्थापित फायर सिस्टम की जांच करने और वाहनों को अलर्ट मोड पर रखने को कहा। वनाग्नि (जंगल की आग) पर भी प्रशासन नजर रखेगा, इसके लिए उप जिलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले वर्षों में जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां सुरक्षात्मक कार्यों पर अधिक ध्यान दिया जाए। नगर निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि 30 अप्रैल तक नालों और नालियों की पहली चरण की सफाई पूरी करें, जिसकी जीओ टैगिंग के साथ फोटोग्राफ भी प्रस्तुत करने होंगे। वर्षा ऋतु से पहले इनकी दूसरी बार सफाई भी सुनिश्चित करनी होगी। जबकि सिंचाई विभाग को नदी और जलाशयों में जमी सिल्ट का सर्वे कर ड्रेजिंग के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। बैठक में सीडीओ मनीष कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, एडीएम अशोक कुमार जोशी, ओसी गौरव पाण्डेय, अधिशासी अभियन्ता लोनिवि ओपी सिंह, सिंचाई बीएस डांगी, एएस नेगी, अजय कुमार जौन, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी सहित सभी उप जिलाधिकारी, निकाय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
नदियों और नालों का जीआईएस मैप बनेगा
जिलाधिकारी ने सभी नगर निकायों को अपने-अपने क्षेत्र के नदी, नालों और नालियों का जीआईएस मैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, सिंचाई विभाग को पूरे जनपद के नदी, नाले और जलाशयों का जीआईएस बेस मैप बनाकर संभावित जलभराव व बाढ़ क्षेत्रों के समाधान के लिए लघु एवं दीर्घकालिक कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को इन कार्यों की जमीनी हकीकत का निरीक्षण करने और समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।