चमोली। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को सुपरवाइजरों के खाली पदों को लेकर शासन को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय नहीं वहां जमीन की उपलब्धता के अनुसार शौचालय निर्माण किए जाएं। वहीं आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों को आंगनवाडी में जो भोजन परोसा जाता है उसकी मानीटरिंग करने और कुपोषित बच्चों की पूरी जानकारी देने के साथ ही उनकी हर 15 दिन में मानीटरिंग करने के निर्देश दिए। कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में कोई नवाचारी कार्य करना है तो उसके लिए प्रस्ताव दें। जिन स्थानों पर बालिकाओं के साथ छेड़छाड की घटनाएं होती हैं उनकी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही बालिकाओं की हीमोग्लोविन जांच करने को कहा।
बैठक में डीपीओ हिमांशु बडोला ने बताया कि जनपद में 1078 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। जिसमें 338 विभागीय भवनों मे, 419 प्राथमिक विद्यालयों में, 195 पंचायत भवनों में तथा 124 किराये के भवनों में संचालित है। वहीं 955 में शौचालय व 941 में पेयजल की व्यवस्था है। टेक होम राशन के माध्यम से राशन वितरित की जा रही है। अनुपूरक पोषाहार योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों द्वारा 03 से 06 साल के बच्चों को पका भोजन दिया जाता है। मुख्यमंत्री बाल पलाश येाजना के अन्तर्गत 03 से 06 बर्ष के बच्चों को हफ्ते में 2 दिन केले के चिप्स दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट के योजना 1164 महिलाओं की किट वितरित की गयी है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अन्तर्गत 2024-25 में 1225 वहीं नन्दा गौरा योजना के तहत 2023-24 में 1736 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। वहीं वन स्टॉप सेन्टर 68 केस पंजीकृत किए गए हैं जिनमें से 65 केसों का निस्तारण किया जा चुका है।