नई टिहरी। सरकार के भू-कानून लागू करने से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में पैतृक जमीन को लेकर लोगों में चेतना जागने लगी है। अब चंबा ब्लॉक के सिलोगी गांव के ग्रामीणों ने शपथ लेते हुए बाहर लोगों को जमीन न बेचने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि पुश्तैनी जमीन सिर्फ जमीन नहीं बल्कि उनकी पहचान है। नए साल के पहले दिन बुधवार को बैठक करते हुए सिलोगी के ग्रामीणों ने पुश्तैनी जमीन बचाने के मुद्दे को लेकर चर्चा की। जिसमें ग्रामीणों ने चिंता प्रकट कर कहा कि गांव में बाहर से भू-माफिया पहुंच रहे हैं। उनकी गिद्ध दृष्टि गांव की जमीन पर लगी है। कुछ लोग जागरूकता के अभाव में बाहरी लोगों को औने-पौने दाम और लालच में अपनी जमीन बेच रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि आजकल गांव के आसपास बाहरी लोग कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहे हैं, जो सड़क के नजदीक की जमीन का सौदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिचौलिया ही ऐसे लोगों को पनाह दे रहे हैं। इसलिए जो जमीन का सौदा करवा रहे हैं उनके खिलाफ भी खड़ा होना चाहिए।
बैठक में गांव की बुजुर्गों ने कहा कि नई पीढ़ी के भविष्य के लिए हमें अपनी पुस्तैनी जमीन को बचाकर रखना होगा। कहा कि जमीन हमारी साख, पहचान और हैसियत भी है, इसलिए इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है। ग्राम प्रशासक वंदना देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्रामीणों ने शपथ ली कि वे बाहरी लोगों को अपनी जमीन नहीं बचेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि वे बाहरी लोगों को न तो अपनी जमीन बेचेंगे और न बिकने देंगे। बैठक में पूर्व प्रधान सतपाल गुसाईं,अवतार सिंह,अलेल सिंह,नरेंद्र सिंह, सागर सिंह, भगवान सिंह, हरपाल सिंह, सीता देवी,सोना देवी, उमा देवी, दीपक गुसाईं, सुशीला देवी मौजूद थे।