ऋषिकेश। हिमालयन हॉस्पिटल में 40 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान अस्पताल की ओपीडी में आने वाले लोगों सहित स्टाफ कर्मियों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। मंगलवार को जौलीग्रांट स्थित हिमालयन हॉस्पिटल में नेत्र रोग विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू धस्माना ने उपस्थित लोगों को बताया कि भारत में लगभग 1.1 मिलियन लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं, जिनमें से 60 फीसदी 12 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं। कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन वर्तमान में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस का एकमात्र उपाय है। कहा कि नेत्रदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि इस दान से दृष्टिहीन लोगों को दुनिया देखने का मौका मिलता है, लेकिन सामाजिक और धार्मिक परंपराओं के चलते या डर और भ्रम के कारण लोग नेत्रदान करने से डरते हैं। नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य स प्रति वर्ष 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है। कहा कि एक इंसान दो नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन को रोशन कर सकता है। ऑपोटोमेट्री के छात्र-छात्राओें ने नेत्रदान करने को लेकर नाटक के माध्यम अस्पताल की ओपीडी में आने वाले लोगों को नेत्रदान के महत्व की जानकारी दी और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया। मौके पर डॉ. हर्ष बहादुर, डॉ. उदित, डॉ. सिरोली, नीलम तिवारी, आशीष, एसएस भंडारी उपस्थित रहे।