Tuesday, December 24, 2024

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पतरामपुर में नापजोख को गई टीम हंगामे के बाद लौटी


काशीपुर। अतिक्रमण हटाए गए स्थान पर पुनर्निर्माण करने के मामले में सोमवार को गांव पतरामपुर गई राजस्व की टीम भूमि की नापजोख नहीं कर सकी। हंगामा होने पर टीम को वापस जाना पड़ा। इसके बाद भाकियू ने एसडीएम कार्यालय के बाहर डेढ़ घंटे का सांकेतिक धरना देकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सही से नपाई कराने की मांग की। हंगामे के कारण एसडीएम ने नापजोख वाले स्थान पर पुलिस तैनात करा दी है। गांव पतरामपुर में 29 मई 2023 को तहसील प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत खसरा नंबर 290 से 28 परिवारों के मकान, दुकान को अतिक्रमण बताकर ध्वस्त कर दिया था। पीडि़त ग्रामीण कोर्ट चले गए थे। बीते दिनों कोर्ट ने खसरा नंबर 287 रकवा 0. 026 पर पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया है। शनिवार को ग्रामीण उस स्थान को अपना बताते और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आवास और दुकानों का निर्माण कर रहे थे। मौके पर पहुंची तहसील प्रशासन की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ निर्माण कार्य को रुकवा दिया। साथ ही सोमवार को मौके की नपाई कराने की बात कही थी। सोमवार को प्रभारी तहसीलदार शुभांगनी के नेतृत्व में टीम पतरामपुर पहुंची। टीम में दो लेखपाल काशीपुर से शेष जसपुर से रखे गए थे।
टीम ने भूमि की नापजोख का कार्य चकरोड को प्वाइंट मानकर शुरू किया। भाकियू की टीम और ग्रामीणों ने भूमि की नपाई सरकारी हद्दे से कराने की मांग की। सरकारी हद्दे से नपाई नहीं होने पर वह विरोध पर उतारू हो गए। तीखी नोकझोंक के बाद टीम वापस लौट गई। टीम के जाते ही भाकियू के प्रेम सहोता, दर्शन सिंह, जागीर सिंह, दीदार सिंह, अमनप्रीत सिंह, गुरनाम सिंह, चौधरी किशन सिंह, शीतल सिंह, कुलदीप सिंह समेत ग्रामीण एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक धरना देने के बाद उन्होंने राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन एसडीएम गौरव चटवाल को सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने सरकारी हद्दे से नपाई कराने की मांग की। साथ ही तहसीलदार पर बुजु्र्गों से अभद्रता का आरोप लगाया। तहसीलदार ने आरोप को निराधार बताया।
कोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं की : एसडीएम
एसडीएम गौरव चटवाल ने कहा कि भूमि की नपाई की निष्पक्षता के लिए दो लेखपाल काशीपुर से बुलाए गए थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में स्वामित्व योजना के तहत आबादी का सर्वे हुआ था। सर्वे के बाद पतरामपुर में खसरा नंबर 287/2 11 लोगों के नाम खतौनी में भी दर्ज है। खसरा नंबर 287/1 में खाद के गड्ढे हैं। इस भूमि की पूर्व में ड्रोन समेत दो बार पैमाइश हो चुकी है। खसरा नंबर 287 में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा था। खसरा नंबर 290 में निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह रास्ते की भूमि है। इसे रुकवाया गया है। उन्होंने कोर्ट के आदेशों की कोई अवहेलना नहीं की है। निर्माण स्थल की जगह पुलिस तैनात कर दी गई है।

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