नई टिहरी। मानव वन्यजीव संघर्ष के लिए गठित क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) के नए सदस्यों के लिए शनिवार को वन विभाग ने कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में मानव और वन्य जीव के बीच संघर्ष के दौरान हुई घटनाओं को कम करने, घटना के बाद रेस्क्यू की जानकारी दी। शनिवार को वन चेतना केंद्र में उप प्रभागीय वनाधिकारी रश्मि ध्यानी ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। बताया कि मानव वन्यजीव रेस्क्यू टीम संघर्ष के कुछ पुराने सदस्यों का स्थानांतरण होने के कारण दल में 8 नए लोगों को जोड़ा गया है। यह दल इस तरह की घटनाएं होने पर 24 घंटे एक्टिव मोड पर रहेंगे। कहा कि बीते कुछ सालों में मानव और गुलदार व भालू के संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। खासकर गुलदार ने भिलंगना, प्रतापनगर, नरेंद्रनगर, जौनपुर आदि क्षेत्रों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। ऐसे में यह प्रशिक्षण उनके लिए भविष्य में काम आएगा। वन क्षेत्राधिकारी टिहरी रेंज आशीष डिमरी ने क्यूआरटी सदस्यों को हथियारों के प्रयोग, सर्विसिंग और मरम्मत की जानकारी दी। कहा कि अब जबकि फायर सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में सीजन शुरू होने से पूर्व नए भर्ती हुए फॉरेस्ट गार्ड, फारेस्टर और संबंधित कर्मियों को यह महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया गया है। बताया कि वन प्रभाग टिहरी की टीम ने इस तरह के ऑपरेशन में हमेशा अहम भूमिका निभाई है। मुख्य प्रशिक्षक लक्ष्मण सजवाण ने गुलदार की गतिविधियां, गुलदार के हमले से बचाव, घटना होने पर समुदाय की सुरक्षा, पिंजरा लगाने, नाइट विजन कैमरा, ट्रैप कैमरा, ट्रैंक्यूलाइज गन से रूबरू कराया।