देहरादून। राज्य में ग्रामीण रोजगार एवं किसानों की आय को बढ़ावा देने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत सरकार की अम्ब्रेला स्कीम गोबर धन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पेयजल, पशुपालन, उरेडा, डेयरी, कृषि विभाग को जिम्मेदारी तय करते हुए कार्य योजना पर समन्वयित प्रयासों से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
सीएस राधा रतूडी ने पेयजल विभाग को गोबर धन योजना के सफल संचालन के लिए प्रभावी कार्ययोजना के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डेयरी विकास विभाग के तहत प्रस्तावित बायोगैस योजनाओं के समयबद्धता एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने बायोगैस संयत्रों हेतु गोबर, अन्न आदि स्थानीय किसानों से खरीदने के निर्देश दिए हैं द्य डेयरी विकास के तहत गढ़वाल दुग्ध संघ (श्रीनगर) द्वारा 400 किलो बायोगैस प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र संयुक्त उद्यम मॉडल पर स्थापित किया जा रहा है। संयुक्त उद्यम हेतु प्राइवेट उद्यमी का चयन किया जा चुका है। गोबर का उपार्जन तथा प्लांट का संचालन प्राइवेट पार्टनर द्वारा किया जाएगा। यहां पर 400 किग्रा बायोगैस प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायोगैस संयंत्र, 1000 किग्रा प्रतिदिन क्षमता की बायो पेंट इकाई एवं 3000 किग्रा प्रतिदिन उत्पादन क्षमता की जैविक खाद इकाई स्थापित की जा रही है। संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 4 हजार किग्रा0 गोबर तथा लगभग 3 हजार किग्रा0 बायोमास की आवश्यकता होगी।श्रीनगर से 25 किलोमीटर के दायरे में लगभग 29 दुग्ध समितियां एवं 2 गौशालायें स्थित हैं जिसके अंतर्गत लगभग 150 सदस्य एवं 400 पशु आच्छादित करते हुए बायोगैस संयंत्र हेतु लगभग 4000 किग्रा0 गोबर क्रय किया जायेगा। बायोगैस सयंत्र हेतु आवश्यक अतिरिक्त कच्चे माल की उपलब्धता बायोमास के द्वारा सुनिश्चित की जायेगी। प्लांट संचालन के उपरान्त उत्पादित बायोगैस का उपयोग दुग्ध प्रसंस्करण तथा बेकरी उत्पाद हेतु किया जायेगा। बायोगैस के अतिरिक्त लगभग 3 मीट्रिक टन जैविक खाद एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेंट का उत्पादन किया जायेगा। बायोगैस संयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानों से रू0 02.00 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव / समिति स्तर परं एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू0 01.00 प्रति किग्रा होगी।
इसके साथ ही आँचल पशु आहार निर्माणशाला रुद्रपुर के तहत 1000 किलों बायो सीएनजी प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस प्लांट की स्थापना एवं संचालन का कार्य ठव्ज् मॉडल में प्रस्तावित किया जा रहा है। गोबर गैस संयंत्र की स्थापना प्राइवेट पार्टनर द्वारा की जायेगी तथा निर्धारित अवधि में संचालन के उपरान्त यू0सी0डी0एफ0. को हस्तांतरित किया जायेगा। पशु आहार निर्माणशाला में डेयरी विकास विभाग के नाम से कुल 04.85 हेक्टेयर भूमि आवंटित है जिसमें से वर्तमान में 01.60 हेक्टेयर भूमि अनुपयोगी है। प्लांट की स्थापना हेतु लगभग 1.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी जिसके लिये उक्त अनुपयोगी भूमि का उपयोग किया जायेगा। संबंधित भूमि पर 1000 किग्रा0 बायो सी0एन0जी0 प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो सी0एन0जी0 संयंत्र, 5000 किग्रा0 प्रतिदिन क्षमता की पेन्ट इकाई एवं 30000 किग्रा0 प्रति दिन क्षमता की एक जैविक खाद (च्त्व्ड) इकाई स्थापित की जायेगी।इस संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 25 हजार किग्रा गोबर तथा लगभग 15 हजार किग्रा बायोमास की आवश्यकता होगी। बायो सी0एन0जी0 संयंत्र रुद्रपुर से 30 किलोमीटर के दायरे में लगभग 3225 पशु आच्छादित करते हुए लगभग 32000 किग्रा0/दिन गोबर क्रय किया जायेगा। बायो सी0एन0जी0 के अतिरिक्त लगभग 24 मीट्रिक टन च्त्व्ड एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेट का उत्पादन किया जायेगा। गोबर की उपलब्धता हेतु दुग्ध मार्गो पर स्थित दुग्ध समितियों अथवा अन्य दुग्ध उत्पादकों से गीबर क्रय किया जायेगा। बायो सी0एन0जी0 सयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानों से रू0 2 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव/समिति स्तर पर एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू0 01.00 प्रति किग्रा होगी। बायो सी0एन0जी0 सयंत्र हेतु अतिरिक्त कच्चे माल की आवश्यकता बायोमास के द्वारा पूर्ति की जायेगी।
बैठक मे भविष्य में बायोगैस योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई कि व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थियों को 02 घन मी क्षमता के व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र स्थापित कराये जायेगे। कच्चे माल के रूप में लगभग 40 से 50 किग्रा0 गोबर की प्रतिदिन आवश्यकता होगी जो 4 से 5 पशुओं से प्राप्त हो सकेगा। प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायोगैस को लाभार्थी घरेलू एल0पी0जी0 के विकल्प के रूप में उपयोग करेंगे। प्रस्तावित प्लांट हेतु लगभग रू0 50 हजार की आवश्यकता आंकलित की गयी जिसमे लगभग रु0 17 हजार एन0डी0डी0बी से अनुदान के रूप में प्राप्त होगा तथा अवशेष धनराशि बौद्ध राज्य सहायता एवं सम्बन्धित लाभार्थियों द्वारा वहन की जायेगी।सार्वजनिक एवं संयुक्त बायोगैस संयंत्र योजना के तहत क्लस्टर आधारित 25 एवं 40-50 घन मी 0 श्रमता के सार्वजनिक बायोगैस संयंत्र स्थापित कराये जायेंगे जिसमे क्रमश: 10-15 एवं 20-25 परिवारों का समूह मिलकर कार्य करेगें। कच्चे माल के रूप में क्रमश: लगभग 600 किग्रा0 एवं 1200 किग्रा0 गोबर की प्रतिदिन आवश्यकता होगी जो 60-120 पशुओं से प्राप्त हो सकेगा।
उत्पन्न बायो गैस का संबंधित लाभार्थियों द्वारा घरेलू एल0पी0जी0 के विकल्प के रूप में उपयोग करेंगे। 25 घन मी0 क्षमता के प्रस्तावित प्लांट एवं पाइप लाइन इत्यादि की स्थापना हेतु लगभग 3.50 लाख रुपये एवं 40-50 घन मी0 क्षमता के प्रस्तावित प्लांट हेतु लगभग रू0 7.00 लाख की आवश्यकता आंकलित की गयी जिसमें क्रमश: रू0 70400 एवं रू0 2.0 लाख एन0डी0डी0बी से अनुदान के रूप में प्राप्त होंगे तथा अवशेष धनराशि ब्ैत्/ राज्य सहायता एवं संबंधित लाभार्थियों द्वारा वहन की जायेगी।
बैठक में सचिव डॉ. बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित पेयजल, पशुपालन, डेयरी, उरेडा एवं कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।