नई टिहरी। लखवाड़ बांध परियोजना प्रभावित काश्तकारों और बेरोजगारों ने परियोजना का कार्य बंद कर दिया है। आंदोलकारियों को मनाने पहुंची धनोल्टी एसडीएम और तहसीलदार को ग्रामीणों ने बैरंग लौटाया। जौनपुर-जौनसार लखवाड़ बांध प्रभावित संयुक्त मोर्चा समिति से जुड़े लोग गत चार दिनों से बांध प्रभावितों को मुआवजा भुगतान करने, प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक-एक सदस्य को रोजगार देने, जमीन के बदले जमीन देने सहित अन्य मांगो को लेकर परियोजना कार्य क्षेत्र में धरने पर बैठे हुए हैं। संघर्ष समिति के सदस्य महेंद्र सिंह ने कहा यमुना नदी पर निर्माणाधीन तीन सौ मेगावाट लखवाड़ जल विद्युत परियोजना से जौनपुर व जौनसार क्षेत्र के 32 गांव प्रभावित हो रहे हैं। प्रभावित लगातार परिसंपत्तियों का भुगतान और रोजगार की मांग कर रहे हैं। धरना-प्रदर्शन के बाद भी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें मजबूरन परियोजना का कार्य बंद करवाना पड़ रहा है।
बांध प्रभावितों को मनाने के लिए धनोल्टी एसडीएम मंजू राजपूत और नैनबाग तहसीलदार निशांत कांबोज राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बांध प्रभावितों से परियोजना का कार्य प्रभावित नहीं करने को कहा। आश्वासन दिया कि मांगों के संबंध में शासन-प्रशासन के स्तर पर वार्ता की जाएगी लेकिन आंदोलनरत लोगों ने उनकी नहीं सुनी और उन्हें बैरंग लौटा दिया।
उन्होंने पहले छूटी परिसंपत्तियों मूल्यांकन करने, पेड़ों, छनियों, खेत-खलियानों का उचित भुगतान करने सहित रोजगार देने की मांग की। इस मौके पर गजेंद्र तोमर, प्रेम सिंह रावत, सुरेश रावत, राकेश राणा, कमल सिंह, रणवीर सिंह, संदीप सिंह रावत, महिपाल राणा, विक्रम सिंह चौहान, प्रदीप रावत, महेंद्र सिंह, आनंद तोमर, लोकेंद्र उनियाल, महिपाल सिंह, दर्शनलाल आदि मौजूद थे।


