ऋषिकेश। जयराम आश्रम संस्कृत महाविद्यालय में 51 नए ऋषि कुमारों का उपनयन (जनेऊ) संस्कार कराया गया। उपनयन संस्कार के बाद इन ऋषिकुमारों को वेदारंभ सत्र 2025-26 में प्रवेश दिया गया। सोमवार को जयराम आश्रम में कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसके तहत 51 नए ऋषि कुमारों ने सर्वप्रथम त्रिवेणी घाट में गंगा स्नान कराया गया। उसके बाद वेदाचार्य मायाराम रतूड़ी ने विधि-विधान व मंत्रोचार द्वारा उन्हें विधिवत यज्ञोपवित धारण करवाया गया। जयराम आश्रम संस्था के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि वेदारंभ से पहले बंटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार किया जाता है। इसके बाद वे वर्ष भर के लिए यज्ञोपवीत सूत्रों का शास्त्रोक्त विधान से पूजन होता है। वर्षभर में सूतक पातक के कारण जब यज्ञोपवीत बदलते हैं, तो इस स्थिति में नया यज्ञोपवीत किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी ऋषिकुमारों को भारतीय संस्कृति का अनुसरण करना, व्यवहार, भोजन व संस्कार सभी को शुद्ध रखकर हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से समाज का कल्याण करना होगा। उन्होंने कहा कि नवांगतुक सभी ऋषिकुमारों को संस्कृत एवं संस्कृति की समृद्धि का संकल्प लेकर अपने पूर्वजों एवं माता-पिता एवं गुरुजनों की ख्याति को आगे बढ़ाएं, जीवन में विद्या-धन ही सर्वश्रेष्ठ धन है जो कभी चोरी नहीं किया जा सकता। मौके पर आश्रम के ट्रस्टी अशोक शर्मा,विनोद अग्रवाल,अशोक रस्तोगी, विनोद अग्रवाल, दीप शर्मा, महाविद्यालय के प्रबंधक बीएम बडोनी, प्रदीप शर्मा, दर्शनलाल गैरोला, मुनीश कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य विजय जुगलाण, अध्यापक विनोद प्रसाद गैरोला, अंशुल रणाकोटी, सूर्यप्रकाश रतूड़ी, अंजना उनियाल, पूजा शर्मा, मनीष नौगाई आदि उपस्थित रहे।