अल्मोड़ा। मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति और उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट), मानसखंड साइंस सेंटर, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 25 दिवसीय महिला स्वरोजगार प्रशिक्षण शिविर का रविवार को सफल समापन हुआ। समापन समारोह में राज्य मंत्री, महिला उद्यमिता परिषद एवं सूक्ष्म, लघु उद्योग विभाग की गंगा बिष्ट ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। गंगा बिष्ट ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को अपनी अंतर्निहित क्षमताओं को पहचानकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षण आयोजित करने वाली संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक प्रयास बताया। इस अवसर पर मानसखंड विज्ञान केंद्र से आए सीनियर साइंटिस्ट और इंचार्ज नवीन चंद्र जोशी ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड की 10,000 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। संस्था के सचिव कमल पांडे ने कार्यक्रम का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि इन 25 दिनों में लगभग 120 महिलाओं को उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला ऐपण, मशरूम उत्पादन, मौन पालन, पिरूल से कोयला निर्माण और जूट बैग निर्माण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। कमल पांडे ने बताया कि ढौरा गांव की महिलाओं ने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के बाद अपने गांव में ही पांच छोटी उत्पादन इकाइयां स्थापित कर ली हैं। संस्था के अध्यक्ष हेमंत कुमार जोशी ने जानकारी दी कि यह वर्ष संस्था की 25वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है, और इसी क्रम में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष भर इसी प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 1000 महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। समापन अवसर पर ऐपण कला की विशेषज्ञ मीरा जोशी, एनयूएलएम की मिशन मैनेजर शांता गुरुरानी, हल्द्वानी से आई जूट बैग विशेषज्ञ मंजू राणा, स्टार्टअप बाबा एग्रोटेक की नमिता टम्टा व काजल बिष्ट, तथा चीड़ की बगेट से कलाकृतियां बनाने वाले धीरेंद्र कुमार पांडे भी उपस्थित रहे।