देहरादून। उत्तराखंड के दो शहरों में कूड़े से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की पहल पर इन निकायो ने यह कदम उठाया है। इससे इन शहरों में पर्यावरण प्रदूषण की चुनौती से लोगों को राहत मिल सकेगी। दरअसल, शहरों में कूड़ा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। शहरों में जनसंख्या बढऩे के साथ ही कूड़ा उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से निकायो के सामने साफ-सफाई से लेकर पर्यावरण प्रदूषण की चुनौती आ रही है, लेकिन कूड़े से बिजली का उत्पादन होने से भविष्य में लोगों के सामने प्रदूषण की चुनौती काफी हद तक कम हो सकेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पिछले दिनों अफसरों को इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए विकास योजनाएं बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में रुद्रपुर नगर निगम और मसूरी नगर पालिका ने वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी के तहत कूड़े के ढेर से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है।
रुद्रपुर नगर निगम में 40 वार्ड हैं, जिनमें प्रतिदिन118 मीट्रिक टन कूड़ा पैदा होता है। पहले बड़ी संख्या में कूड़ा डम्पिंग साइट पर बिना निस्तारण के ही लंबे समय तक पड़ा रहता था। लेकिन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के काम करने के बाद यह समस्या दूर हो गई है। इस प्लांट की क्षमता 50 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की है। इस प्लांट से प्रतिदिन छह किलोवॉट बिजली के साथ ही कल्याणी नाम से जैविक खाद भी तैयार की जा रही है।
मसूरी नगर पालिका ने भी इसी साल मई से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से उत्पादन शुरू कर दिया है। पीपीपी मोड के इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन आठ टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की है। इस कूड़े से बायो गैस पैदा करने के साथ ही जैविक खाद का भी उत्पादन किया जा रहा है।
सरकार पहले दिन से ही इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाने पर जोर दे रही है। ग्रीन इकोनॉमी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में निकायों में कूड़े से बिजली पैदा की जा रही है। इसके लिए वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी भी तैयार की गई है। राज्य सरकार उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं -पुष्कर सिंह धामी