विकासनगर। प्रदेश में जमीन, मकान आदि की रजिस्ट्री और यूसीसी में विवाह पंजीकरण को ऑनलाइन (पेपरलेस) करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को कार्य बहिष्कार कर तहसील में प्रदर्शन किया। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा। अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार तमाम संपत्ति की रजिस्ट्री ऑनलाइन करने जा रही है। साथ ही यूसीसी में भी पूरा काम पेपरलेस कर दिया गया है। इससे अधिवक्ताओं, टाइपिस्ट, स्टांप वेंडर के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने से साइबर ठगी का भी खतरा बढ़ जाएगा। पछुवादून बार एसोसिएशन के सचिव संजय गुप्ता ने कहा सरकार ऑनलाइन दस्तावेज रजिष्ट्रीकरण नियमावली-2025 लागू कर रही है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद कोई पक्षकार कहीं से ही ऑनलाइन अपने दस्तावेज पेश कर सकेगा। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दस्तावेजों का पंजीकरण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से साइबर क्राइम का खतरा बढ़ जाएगा। इस प्रक्रिया से रजिस्ट्री के कार्यों से जुड़े अधिवक्ता, टाइपिस्ट, स्टांप वेंडर के सामने भी रोजगार का संकट पैदा हो जाएगा। बार एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण और वसीयत पंजीकरण अब कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से हो रहे हैं, जिससे अधिवक्ताओं का रोजगार प्रभावित हुआ है। अब रजिस्ट्री ऑनलाइन कराए जाने से वो पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे। कहा कि पूर्व की भांति निबंधक कार्यालय में अधिवक्ताओं से प्रक्रिया कराई जानी चाहिए। कार्य बहिष्कार और प्रदर्शन करने वालों में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयपाल सिंह चौधरी, सह सचिव अनिल कांडपाल, विवेक गुप्ता, लाइब्रेरियन बबीता शर्मा, आशा राम जोशी, मनोज शर्मा, अनिल शर्मा,राकेश शर्मा, आकाश कुमार हन्नी, अनिल गुलेरिया आदि शामिल रहे।