नई टिहरी। गंगा के मायके मुखबा से शुरू हुई गंगा सम्मान यात्रा के देवप्रयाग पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। शुक्रवार को पूर्व मुखमन्त्री हरीश रावत की अगुवाई में निकली गंगा सम्मान यात्रा तीर्थ नगरी के मुख्य बाजारों से होते संगम स्थल पर पहुंची। यहां भागीरथी अलकनंदा संगम स्थल पर श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के छात्रों के वेद मंत्रों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व यात्रा में शामिल लोगों द्वारा मां गंगा की आरती की गयी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मौके पर विश्व की सबसे पवित्र नदी गंगा को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण गंगा अपने मायके में ही मिटने की कगार पर है। भागीरथ के तप से प्रगट हुई भागीरथी गंगा का अस्तित्व यदि आज नहीं बचाया गया तो आने वाली पीढ़ियां गंगा को नाम भर से ही जानेंगे। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग जहां से गंगा नाम की शुरुआत हो रही है वहीं गंगा प्रदूषित हो रही है। यहां संगम के निकट बने टैंक से सीवरेज का पानी सीधे गंगा में जा रहा है। करोड़ों की सीवरेज योजना का यहां तीस फीसदी काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
पूर्व मुख्यमन्त्री रावत ने कहा की केंद्रीय विवि का श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर कांग्रेस सरकार की ही देन है। उन्होंने सभी से गंगा की पावनता व सम्मान बनाये रखने की अपील की। गंगा सम्मान यात्रा शुक्रवार को मलेथा, बागवान, लक्ष्मोली होते देवप्रयाग पहुंची। इस मौके पर पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष उत्तम सिंह असवाल, पीसीसी सदस्य नंदन टोडरिया, ब्लाक अध्यक्ष रघुवीर भंडारी, जिला महासचिव विनोद टोडरिया, आनंद रावत, रामलाल नौटियाल, प्रतापसिंह भंडारी, जगदीश चन्द्र आर्य, राजेंद्र चंद, अनुसूया मिश्रा, माया पंच भैया, गम्मा सिंह, अंकित सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।