नई टिहरी। वन विभाग वनाग्नि को लेकर मुश्तैद नजर आ रहा है। जिसके चलते वन संरक्षक भागीरथी वृत्त धर्म सिंह मीणा ने नई टिहरी स्थित विभाग के क्रू स्टेशन और मास्टर कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया है। टिहरी वन प्रभाग और टिहरी डैम वन प्रभाग पहली बार एकीकृत नियंत्रण कक्ष बनने से वनाग्नि की घटनाओं में रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जिले के तीन शैडो एरिया में वन विभाग ने जल्दी ही रेडियो रिपीटर स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। जिससे इन क्षेत्रों में वनाग्नि संबंधित घटनाएं होने पर जानकारी मिल पाएगी। बीते दिनों वन संरक्षक मीणा ने वन विभाग के क्रू स्टेशन में उपकरण, मास्टर कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने डीएफओ पुनीत तोमर को मास्टर कंट्रोल रूम को और हाइटेक करने के निर्देश दिए। यहां पर वाईफाई, सीसीटीवी कैमरा सहित विभाग के फॉरेस्ट फायर एप्प को रिमोट डेस्कटॉप पर इंस्टॉल करने के निर्देश दिए। कहा कि टिहरी वन प्रभाग और डैम वन प्रभाग के एकीकृत कंट्रोल रूम बनने से रेस्क्यू सहित अन्य कार्यों में रिस्पांस टाइम में कमी आएगी। मीणा ने कहा कि फायर वाचरों का शत प्रतिशत बीमा कराया गया है। दुर्घटना होने पर 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वनाग्नि सुरक्षा समितियां गठित की जा रही है। उन्हें 30 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उत्कृष्ट कार्य करने वाली समितियों व वन पंचायतों को सम्मानित करेंगे। बताया कि एसडीआरएफ केंद्रीयकृत माध्यम से सुरक्षा उपकरणों को क्रय कर रहा है। वनकर्मियों को फायर प्रूफ ड्रेस दी जा रही है। डीएफओ तोमर ने बताया कि गंगी, लंबगांव और चापड़ा शैडो एरिया में कनेक्टिविटी के लिए रेडियो रिपीटर स्टेशन लगाए जा रहे हैं। वाहनों को जीपीएस से लैस किया गया है। इसके बाद उन्होंने विभागीय कार्यालय का निरीक्षण किया। इस मौके पर डीएफओ डैम संदीपा शर्मा, एसडीओ रश्मि ध्यानी, जन्मजय चंद रमोला, रेंजर आशीष डिमरी, लक्ष्मण सिंह सजवाण, होशियार सिंह, आजाद बिष्ट, दीपक रजवार आदि मौजूद रहे।