अल्मोड़ा। मोहन उप्रेती लोक संस्कृति, कला एवं विज्ञान शोध समिति तथा उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के मानसखंड साइंस सेंटर, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय ऐपण प्रशिक्षण कार्यशाला का प्रथम चरण मंगलवार को संपन्न हुआ। कार्यशाला में ऐपण विशेषज्ञ मीरा जोशी ने प्रतिभागी महिलाओं को ऐपण की पारंपरिक शैली, सांस्कृतिक महत्व और तकनीकी बारीकियों की जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि यह लोक कला केवल सांस्कृतिक पहचान तक सीमित न रहकर स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बन सकती है। समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे अल्मोड़ा नगर के मेयर अजय वर्मा ने मोहन उप्रेती संस्थान एवं यूकॉस्ट द्वारा पारंपरिक कलाओं को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ें। मानसखंड साइंस सेंटर के इंचार्ज डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने अपने संबोधन में पारंपरिक ऐपण कला से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि पूर्व में कैसे सिक्कों की मदद से पिछोड़ों पर छपाई की जाती थी। संस्था के अध्यक्ष हेमंत कुमार जोशी ने कहा कि ऐपण की यह विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार और समाज के माध्यम से हस्तांतरित होती रही है, जिसे संरक्षित और समृद्ध करने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागी महिलाओं को प्रशस्ति पत्र वितरित किए गए और उनके द्वारा बनाए गए ऐपण कार्यों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में संस्था के सचिव कमल पांडे, नमिता टम्टा, पंकज कुमार, हेमा वर्मा, एनयूएलएम मिशन इंचार्ज शांता गुरुरानी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गायत्री जोशी ने किया।