अल्मोड़ा। मोहन उप्रेती लोक संस्कृति, कला एवं विज्ञान शोध समिति और उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के मानसखंड साइंस सेंटर, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में 25 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के द्वितीय चरण की शुरुआत मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण से हुई। शिविर के इस चरण में ढौरा गांव की 25 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। ग्राम की महिलाओं को संबोधित करते हुए ग्राम प्रधान कमल अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। राजेश अधिकारी ने कहा कि स्वरोजगार के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोका जा सकता है और स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग किया जा सकता है। संस्था के सचिव कमल पांडे ने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण का माध्यम है, बल्कि ग्राम ढौरा को ‘मशरूम ग्राम’ के रूप में विकसित करने की दिशा में पहला कदम भी है। प्रशिक्षिका नमिता टम्टा ने महिलाओं को विस्तार से बताया कि कैसे मशरूम उत्पादन से आय को तिगुना किया जा सकता है। कार्यक्रम में पंकज कुमार ने अपने पिथौरागढ़ जिले के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वहां की महिलाएं 20 से 30 बैग के छोटे स्तर पर भी अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। संस्था के अध्यक्ष हेमंत कुमार जोशी ने जानकारी दी कि संस्था न केवल उत्तराखंड की लोक कला को बढ़ावा दे रही है, बल्कि कृषि की नई तकनीकों के प्रचार-प्रसार के लिए भी लगातार प्रयासरत है, ताकि गांव की महिलाएं आसानी से स्वरोजगार को अपना सकें। प्रशिक्षण शिविर के आगामी चरणों में महिलाओं को जूट से बैग बनाना, मधुमक्खी पालन, पीरूल से कोयला बनाना जैसे व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इस अवसर पर संस्था की कविता ढेला और गीता देवी भी मौजूद रहीं।