“किसानों की सेवा मेरा मिशन है, भारत की कृषि को नंबर वन बनाना मेरा संकल्प” — केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
“जब किसान आत्मनिर्भर होगा, तभी देश आत्मनिर्भर होगा” — मुख्यमंत्री, राजस्थान भजन लाल शर्मा
झुंझुनू (राजस्थान) — आज राजस्थान के झुंझुनू से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत डीबीटी-आधारित दावा राशि का राष्ट्रव्यापी डिजिटल हस्तांतरण किया गया। इस अवसर पर, रबी 2024-25 एवं पूर्ववर्ती सीजनों की पहली किस्त के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से 35 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में ₹3,900 करोड़ से अधिक की राशि सीधे भेजी गई। केवल राजस्थान के 9.70 लाख से अधिक किसानों को लगभग ₹1,426 करोड़ का भुगतान किया गया।
यह ऐतहासिक कार्यक्रम झुंझुनू हवाई पट्टी पर आयोजित हुआ, जिसमें जिसमें झुंझुनू, सीकर, जयपुर, कोटपूतली-बहरोड़ सहित विभिन्न जिलों के लगभग 35,000 किसान शामिल हुए।, जबकि देशभर के 23 राज्यों के लाखों किसान वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े। इस ऐतिहासिक अवसर की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की। मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा थे। विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी और राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा उपस्थित थे। कार्यक्रम में कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मुक्तानंद अग्रवाल सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और किसान नेता शामिल हुए।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
“यह अद्भुत धरती है — वीरों की, शूरवीरों की, बलिदानों की। मैं भारत माता के इन सपूतों को प्रणाम करता हूँ। किसानों की सेवा मेरा मिशन है और भारत की कृषि को नंबर वन बनाना मेरा संकल्प है। मोदी जी के नेतृत्व में एक समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। एक तरफ यमुना, दूसरी तरफ चम्बल और अब सिंधु का पानी भी राजस्थान में आने वाला है। यह पानी हमारे खेतों को सींचेगा, हमारी फसल लहलहाएगी ।”
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “अब अगर किसी गांव के एक भी किसान की फसल बर्बाद होगी तो उसे भी मदद मिलेगी। हमने अब तक किसानों को पौने चार लाख रुपये किसान सम्मान निधि में दिए हैं। लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर ही न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। किसान जितना अधिक उत्पादन करेगा, खरीदने का काम मोदी जी और राजस्थान सरकार करेगी। सब्जी उगाओ और दिल्ली या जयपुर लाओ — ट्रक का किराया मोदी जी की सरकार देगी।”
उन्होंने किसानों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपनी दैनिक जरूरत की हर वस्तु देश में बनी हुई ही खरीदनी चाहिए, ताकि पैसा देश में रहे और रोजगार के अवसर बढ़ें। “फसल बीमा योजना के माध्यम से जो राशि किसानों को मिली है, वह केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम है,” उन्होंने जोड़ा।
मुख्यमंत्री राजस्थान श्री भजन लाल शर्मा ने कहा,“झुंझुनू वीरों, किसानों और भामाशाहों की धरती है। प्रधानमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि केंद्र और राज्य सरकार पूरी शक्ति के साथ उनके साथ खड़ी है। यमुना और चम्बल के पानी का समझौता हुआ है, जिससे शेखावाटी के किसानों को सिंचाई का लाभ मिलेगा। किसानों को अब सम्मानजनक दाम, बोनस, और किसान सम्मान निधि का बढ़ा हुआ लाभ मिल रहा है। हमारी सरकार किसानों को ऊर्जा उत्पादक बनाने की दिशा में भी काम कर रही है। जब किसान आत्मनिर्भर होगा, तभी देश आत्मनिर्भर होगा।” उन्होंने कहा कि पहले किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिलता था, लेकिन अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिक से अधिक खरीद हो रही है और किसान सम्मान निधि की राशि भी जल्द ₹12,000 प्रतिवर्ष कर दी जाएगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा,“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अब गांव और ब्लॉक को मुख्य इकाई बनाया गया है, जिससे एक भी किसान प्रभावित होने पर उसे सहायता मिल सके। मई माह में कृषि मंत्री के नेतृत्व में ‘विकसित कृषि अभियान’ की शुरुआत हुई, जो प्रयोगशालाओं को खेतों से जोड़ने और किसानों से सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चल रहे प्रयास निश्चित रूप से हमारे किसानों को अधिक समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाएंगे।”
राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा,“शेखावाटी की धरती वीरों और किसानों की भूमि है। आज पहली बार देश का मुख्यमंत्री और देश का कृषि मंत्री किसानों के घर आकर फसल बीमा योजना का लाभ दे रहे हैं। राजस्थान को देश में सबसे अधिक लगभग ₹1,426 करोड़ की राशि मिली है। हमने नकली खाद देने वालों के खिलाफ 57 मुकदमे दर्ज किए हैं और जो भी किसानों को ठगेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, असामान्य मौसम और कीट या रोग से होने वाले नुकसान से किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 78 करोड़ से अधिक किसान आवेदनों को कवर करते हुए ₹1.83 लाख करोड़ का दावा भुगतान किया जा चुका है, जबकि किसानों ने मात्र ₹35,864 करोड़ का प्रीमियम अदा किया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत दावा राशि का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक सीजन में 2–3 ट्रेंच में करने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था अन्य केंद्रीय योजनाओं की तर्ज पर पूरे देश में लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य किसानों को फसल कटाई के तुरंत बाद दावा राशि उपलब्ध कराना है ताकि वे अगली फसल की तैयारी समय पर कर सकें। इस नई प्रणाली से राज्य सब्सिडी और केंद्र के हिस्से को अलग-अलग जारी करने, राज्यों द्वारा उपज आंकड़े समय पर उपलब्ध कराने, और क्लेम प्रक्रिया को तेज़ एवं मानकीकृत बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। इससे पूरे देश में योजना के क्रियान्वयन में अनुशासन और एकरूपता स्थापित होगी, साथ ही सभी ऑनलाइन प्रक्रियाएं समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरी होंगी।
यह सुधारात्मक कदम किसानों के लिए कई दृष्टियों से लाभकारी है। समय पर दावा राशि मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और खेती में निवेश व जोखिम प्रबंधन के प्रति उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। राज्यों को भी अपनी जिम्मेदारियों का समय पर निर्वहन करने के लिए प्रेरणा मिलेगी, जिससे योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। डेटा संबंधी समस्याओं और भुगतान में होने वाली देरी का समय रहते समाधान हो सकेगा, जिससे किसानों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति विश्वास और जागरूकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह पहल न केवल किसानों के हितों की सुरक्षा करेगी, बल्कि योजना की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता को भी नए आयाम देगी।
नवीन DBT आधारित किस्त-आधारित भुगतान प्रणाली से अब किसानों को राज्य की अंशदान राशि में देरी होने पर भी केंद्र के हिस्से के आधार पर अनुपातिक भुगतान समय पर मिल सकेगा। खरीफ 2025 से यदि राज्य सरकार अपनी सब्सिडी देने में देरी करती है तो उस पर 12% की पेनल्टी लगेगी, और बीमा कंपनियों द्वारा भी भुगतान में देरी पर किसानों को सीधे 12% ब्याज मिलेगा। योजना में YES-TECH, WINDS पोर्टल, AIDE मोबाइल ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन 14447 जैसे तकनीकी नवाचार जोड़े गए हैं, जिससे पारदर्शिता और गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की सुरक्षा का मजबूत कवच है और केंद्र तथा राज्य सरकारें मिलकर इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पहली किस्त किसानों को आर्थिक संबल देने के साथ-साथ उन्हें खेती में निवेश और जोखिम प्रबंधन के लिए भी प्रेरित करेगी, तथा भविष्य में भी समयबद्ध तरीके से किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती रहेगी।