Thursday, November 6, 2025

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राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने उत्तराखण्ड सरकार की विगत वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी


हरिद्वार। देवभूमि रजत जयंती सप्ताह के अंतर्गत राज्यसभा सांसद एवम् राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष भाजपा नरेश बंसल ने होटल प्रकाश में पत्रकारों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य के गौरवशाली इतिहास, राज्य निर्माण हेतु हुए आंदोलनों के साथ ही विगत 25 वर्षों में राज्य में हुए विकास व हासिल मुकाम एवम् उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उत्तराखण्ड सरकार की विगत वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां

  1. समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश में प्रथम राज्य बना उत्तराखण्ड।
  2. राज्य में सशक्त भू कानून, सख्त धर्मान्तरण विरोधी कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, एवं दंगारोधी कानून हुआ लागू।
  3. राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत एवं राज्य में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण हुआ लागू। सहकारी प्रबंध समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था हुई सुनिश्चित।
  4. बीते 4 वर्षों में 26,000 से अधिक युवाओं को मिली सरकारी नौकरी।
  5. राज्य में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 3.56 लाख करोड़ के एम.ओ.यू. हुए साईन। अब तक ₹ 01 लाख करोड़ से अधिक के निवेश की हो चुकी ग्राउंडिंग।
  6. राज्य के इतिहास में पहली बार पेश हुआ। लाख करोड़ से ज्यादा का बजट।
  7. राज्य में कुल 58 लाख आयुष्मान कार्ड किए गए वितरित।
  8. शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर किया 50 लाख रुपए। परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर की गई डेढ़ करोड़।
  9. रोगियों के तीमारदारों के लिये विश्रामगृहों की स्थापना का निर्णय।
  10. राज्य ने मातृ स्वास्थ्य के क्षेत्र में दर्ज की महत्वपूर्ण प्रगति। उत्तराखण्ड का मातृ मृत्यु अनुपात (डडत्) 2020-22 में 104 था जो घटकर 2021-23 में 91 पर आ गया है।
  11. राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा है। प्रति व्यक्ति आय 17 गुना बढ़ी है। राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार ₹14501 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹378240 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आमदनी भी बढ़कर ₹ 274064 होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय ₹15285 थी। राज्य गठन के समय उत्तराखंड का बजट ₹4500 करोड़ के करीब था। जबकि वर्ष 2025-26 के लिए कुल एक लाख करोड़ से अधिक बजट का प्रावधान किया गया है।
  12. कुमाऊं क्षेत्र में मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत 48 मन्दिरों तथा गुरूद्वारों को सर्किट के रूप में जोड़ने का कार्य गतिमान।
  13. केदारनाथ पुनर्निमाण और बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्य गतिमान। बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट अध्यात्मिक पहाडी कस्बे के रूप में विकसित करने हेतु रू0 255.00 करोड़ की विकास योजनाओं का कार्य गतिमान है।
  14. दिल्ली – देहरादून के बीच एलिवेटेड रोड का रू0 13000 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य जारी। इसके बनने से 2 से 2.5 घंटे में सफर होगा पूरा।
  15. राज्य में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तेज गति से गतिमान। अब तक 70 प्रतिशत कार्य हुआ पूर्ण।
  16. नई फिल्म नीति के तहत उत्तराखण्ड की कुमाऊँनी, गढ़वाली, जौनसारी आदि क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को कुल लागत का 50 प्रतिशत अथवा ₹2 करोड़ तक की सब्सिडी।
  17. राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिये हैं ₹200 करोड के वेंचर फण्ड की स्थापना।
  18. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला/स्वयं सहायता समूहों को रूपए 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में अब तक करीब 1.53 लाख लखपति दीदी बनाई गई।
  19. मुख्यमंत्री अंत्योदय निशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत राज्य के करीब पौने दो लाख गरीब परिवारों को साल में 3 सिलेंडर मुफ्त रिफिल किए जा रहे हैं।
  20. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सीमांत के 51 गांवों का चयन कर किया जा रहा सुनियोजित विकास।
  21. वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर ₹1500 किया गया है। अब दोनों बुजुर्ग दंपत्ति को मिल रहा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ। वृद्धावस्था, विधवा, तथा दिव्यांग पेंशन का भुगतान 3 माह की जगह अब प्रत्येक माह होगा।
  22. वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सीमांत के 51 गांवों का चयन कर किया जा रहा सुनियोजित विकास।
  23. मुख्यमंत्री अंत्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत राज्य के करीब पौने दो लाख गरीब परिवारों को साल में 3 सिलेंडर मुफ्त रिफिल।
  24. ऊधमसिंहनगर जनपद के खुरपिया फार्म किच्छा में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने को मंजूरी दी गई हैं।
  25. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पलायन की समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत अल्प, लघु एवं दीर्घकालीन योजनायें बनाकर विभिन्न रोजगार एवं स्वरोजगार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जा रहा है। इस संबंध में अबतक किये गए प्रयासों से लगभग 02 हजार लोगों ने राज्य में रिवर्स पलायन कर कृषि, पशुपालन, बागवानी, पर्यटन व होमस्टे आदि योजनाओं से जुडकर स्वरोजगार अपनाया है।

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