देहरादून। यूकॉस्ट की ओर से मंगलवार को ‘लेखक गांव- साहित्य सृजन, कला, संस्कृति और विज्ञान से बनता विश्व के लिए प्रेरणा कार्यशाला का आयोजन किया गया। झाझरा स्थित विज्ञान धाम में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भारत विश्व गुरु है और प्राचीनकाल से ही हमारे देश में नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय थे। उन्होंने कहा कि ज्ञान का व्यवहारिक प्रदर्शन ही विज्ञान है। कार्यशाला में डॉ. निशंक ने पौराणिक भारतीय ज्ञान और विज्ञान प्रणालियों से सबको अवगत कराया। उन्होंने कहा विज्ञान, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र, कृषि, खगोल शास्त्र आदि सभी क्षेत्रों में हमारा देश हमेशा से ही अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा हमारे देश ने नई शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया का स्लोगन दिया है। उन्होंने कहा कि लेखक गांव दुनिया के साहित्य-प्रेमियों को एक मंच प्रदान करेगा। लेखक गांव विश्व में अपनी पहचान बनाएगा और मानव चेतना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह गांव शब्द, शक्ति और साधना का केंद्र बनेगा। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने कहा कि नई शिक्षा नीति की विशिष्टताओं से सबको अवगत कराया। उच्च शिक्षा की पूर्व निदेशक डॉ सविता मोहन ने कहा कि अध्ययन के विभिन्न आयामों से हमारे विद्यार्थियों को अवगत होना चाहिए। डॉ कमला पंत ने कहा कि लेखक गांव बसाने का सपना अपने आप में विशिष्ट है। इस मौके पर संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार पूर्व कुलपति डॉ सुधा रानी पांडे, जन संपर्क अधिकारी अमित पोखरियाल के साथ ही ग्राफिक एरा, तुलाज इंस्टिट्यूट, सनराइज अकेडमी आदि संस्थानों के छात्र-छात्राएं, शिक्षक मौजूद रहे। कार्यक्रम से पूर्व मां सरस्वती की मूर्ति का अनावरण और पौधारोपण किया गया।