देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित ग्रामीण मोटर मार्गों के रखरखाव की जिम्मेदारी तय करने हेतु लोक निर्माण विभाग तथा ग्रामीण निर्माण विभाग को सयुंक्त बैठक कर सडक़ों के निर्माण एवं अनुरक्षण के कार्य आवंटन से सम्बन्धित स्पष्ट मानदण्ड निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने लोक निर्माण विभाग एवं ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा सडक़ों के निर्माण एवं अनुरक्षण से सम्बन्धित कार्यों का स्पष्ट सीमांकन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समान प्रकृति के कार्य एक ही एजेंसी से करवाए जाने की हिदायत दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अन्य राज्यों में पीएमजीएसवाई की सडक़ों के निर्माण एवं अनुरक्षण कार्य हेतु अपनाई जाने वाली व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस ने ग्रामीण सडक़ों की गुणवत्ता, स्थिति व टिकाऊपन में सुधार के लिए बेहतरीन व्यवस्था को अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीण सडक़ों के अनुरक्षण में संसाधनों के बेहतर उपयोग, दो या अधिक विभागों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सडक़ों की स्थिति में सुधार को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सुदूर क्षेत्रों में विशेषकर आपदा की स्थिति में सुगम पहुंच के लिए पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित मार्गों का समुचित अनुरक्षण आवश्यक है। आज सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत निर्मित ग्रामीण मोटर मार्गो के अनुरक्षण कार्यों से सम्बन्धित बैठक में जानकारी दी गई कि पीएमजीएसवाई के तहत उत्तराखण्ड में ग्रामीण सडक़ों के निर्माण की जिम्मेदारी मुख्य रूप से उत्तराखण्ड ग्रामीण सडक़ विकास अभिकरण द्वारा निभाई जाती है। वर्तमान में निर्माण के पश्चात इन सडक़ों का रखरखाव लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण निर्माण विभाग के पास भी सडक़ों के निर्माण और रखरखाव में व्यापक अनुभव है तथा यह विभाग भी इस प्रक्रिया में सहभागी बनने की मंशा रखता है। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित सडक़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपने की उपयुक्तता पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में सचिव राधिका झा, पंकज कुमार पाण्डेय सहित लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।