देहरादून। राज्य के किसानों को खेती और बागवानी के उपकरणों को खरीदने के लिए सरकारी पैनल द्वारा तय रेट और कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना होगा। किसानों को जहां और जिस भी कंपनी का कृषि उपकरण अच्छा लगेगा, उसे खरीद सकता है। सरकार उसी पर सब्सिडी देगी। उद्यान विभाग के रानीखेत स्थित चौबटिया गार्डन में अनुसंधान कार्य 15 जनवरी 2024 तक दोबारा शुरू हो जाएंगे। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित कृषक एवं नर्सरी संचालकों की गोष्ठी में तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं की। किसानों के साथ संवाद के बाद जोशी ने कहा कि गोष्ठी स्थल में चार महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं। इसके तहत विभागीय योजनाओं के निर्माण और संचालन में किसानों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है।
हर जिले से एक अनुभवी किसान को शामिल करते हुए जिलास्तरीय समिति बनाई जाएगी। इन समितियों से प्राप्त होने वाले सुझावों के अनुसार विभाग आगे बढ़ेगा। चौबटिया स्थित अनुसंधान केंद्र को पूर्ण रूप से संचालित करने का निर्णय किया गया है। वैज्ञानिकों के रिक्त पदों पर नौ वैज्ञानिकों की नियुक्ति हो चुकी है। फिलहाल वे प्रशिक्षण पर हैं। 15 जनवरी 2014 से पहले पहले चौबटिया अनुसंधान केंद्र को शुरू कर दिया जाएगा।
जोशी ने कहा कि किसानों की शिकायत थी कि विभाग के पैनल में रखी गई कंपनियों के कृषि उपकरण काफी महंगे हैं। मजबूरी में उन्हें खरीदना पड़ता है। अब से पैनल की व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है। किसान अपनी इच्छा से उपकरण खरीदने को स्वतंत्र होंगे। जोशी ने कहा कि सेब उत्पादकों के बीमा विवाद का भी समाधान हो गया है। इस बाबत केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। एक माह के भीतर सभी बीमा विवाद का निस्तारण किया जाएगा।
गोष्ठी में प्रभारी अपर निदेशक डॉ. रतन कुमार ने विभागीय योजनाओं का विस्तार से ब्योरा पेश किया। किसानों ने योजनाओं को लेकर अपनी समस्याएं और सुझाव भी रखे। इस मौके पर कपकोट विधायक सुरेश गढिया, बागवानी विकास परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार, शेर सिंह गढिया, डीजी-कृषि-उद्यान रणवीर सिंह, निदेशक दीप्ति सिंह, नरेंद्र यादव, बृजेश गुप्ता, एमपी शाही आदि मौजूद रहे।