हरिद्वार। खेलमंत्री रेखा आर्या ने बुधवार को रोशनाबाद में पूजन-हवन कर नए बास्केटबॉल कोर्ट का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह कोर्ट प्रदेश की खेल यात्रा में एक और मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने तीन प्रशिक्षण शिविरों में शामिल खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स किट भी बांटी। उन्होंने कहा कि अन्य खेलों की तरह ही हरिद्वार जल्द बास्केटबॉल खिलाड़ियों की नर्सरी के रूप में नाम रोशन करेगा। कहा कि 28 जनवरी से शुरू हो रहे 38 वें नेशनल गेम्स में हरिद्वार हॉकी, कुश्ती और कबड्डी के तीन इवेंट आयोजित कर रहा है, जो धर्मनगरी के लिए गौरव की बात है। इसके बाद उन्होंने रोशनाबाद स्पोर्ट्स स्टेडियम में बन रहे नए 400 मीटर ट्रैक का निरीक्षण कर इसका काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
आपसे मिलने आई हूं हरिद्वार
खेलमंत्री रेखा आर्या ने करीब डेढ़ घंटे का वक्त खिलाड़ियों के बीच बिताया। रोशनाबाद में तीन खेल प्रशिक्षण शिविरों में उन्होंने एक-एक खिलाड़ी से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया और आगामी राष्ट्रीय खेल के लिए शुभकामनाएं दी। कहा कि लोकार्पण तो औपचारिक कार्यक्रम है, मैं खासतौर से सिर्फ आपसे मुलाकात और बातचीत करने यहां आई हूं। खिलाड़ियों से पूछा कि उन्हें खाना कैसा मिल रहा है, कोच कैसी तैयारी करा रहे हैं और क्या वे व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं। इस दौरान खिलाड़ियों ने खेल मंत्री के साथ जमकर सेल्फी ली और फोटोग्राफी कराई।
खिलाड़ी ही दे सकते हैं रजत जयंती का गिफ्ट
खेलमंत्री रेखा आर्या ने खिलाड़ियों से बातचीत के दौरान कहा कि हम अगले साल प्रदेश का रजत जयंती स्थापना वर्ष मना रहे हैं और इस मौके पर प्रदेश को सबसे बड़ा गिफ्ट आप लोग ज्यादा से ज्यादा मेडल जीत कर दे सकते हैं। उन्होंने से कहा कि आप से बेहतर गिफ्ट उत्तराखंड की 25वीं वर्षगांठ पर कोई और नहीं दे सकता।
सोशल मीडिया पर लगाइए नेशनल गेम्स के प्रतीक
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कोचों, खिलाड़ियों, और प्रदेश की जनता से अपील की कि वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नेशनल गेम्स के प्रतीक बतौर स्टेट्स लगाएं, जिससे प्रदेश से बाहर के लोगों को भी पता चले कि उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों की तैयारी किस तरह से कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर, लोगो, एंथम, जर्सी और मशाल की फोटो सबको अपने फेसबुक और व्हाट्सएप इंस्टाग्राम आईडी पर अपलोड करनी चाहिए।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला क्रीड़ा अधिकारी शाबली गुरुंग, विशाल गर्ग तथा अधिकारी गण मौजूद रहे।